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पार्वती देवी , कमला देवी नयाल , शांति देवी ,जानकी देवी , गीता जग्गी , शकुन्तला देवी , देवकी देवी सितारगंज , हीरा जग्गी , जमुना दत्त सुयाल , राधा बल्लभ सुयाल , त्रिलोचन सुयाल , धन सिंह जलाल , चतुर सिंह जलाल ,हिम्मत सिंह नयाल , प्रह्लाद सिंह नयाल , लछ्म सिंह नयाल , देवेन्द्र नाथ गोस्वानी , मोहन सिंह खत्री , बाकि पुराना खत्ता के पूरन अधिकारी , दीवान गिरी गोस्वामी कुमाऊ के जाने अनजाने असंख्य लोगो का सहयोग रहा |

जिससे आज श्री हंस प्रेम योग आश्रम (श्री माँ राजेश्वरी बैकुंठधाम) का विकाश  हो रहा है | आशा है  भविष्य में अनेक शक्तियां जनमानुष की श्रद्धा प्रेम की भावना जाग्रत होकर जुड़ेंगी |


 

परम पिता परमेश्वर व अविनाशी आदी शक्ति से प्रार्थना है कि वह वर्तमान में मानव को सदबुद्धि व सदभावना प्रकट कर व कल्याण के कार्यों में जुटकर अपने मानव जीवन को सफल कर सके |

श्रवंत विश्वे अम्रतस्य पुत्र: | ऐ धमानी दिव्यांत्स्य |


हे संसार के मनुष्यों | तुमको यह मनुष्य जीवन अमृत प्राप्ति के लिए मिला है न कि बिषय भोग के लिए | बिषय भोग तो हर प्राणी भोगता है | मनुष्य का जो कर्तव्य है परमात्मा का अविनाशी नाम व रूप से जुड़ना जिससे अमृत कि प्राप्ति होती है


 

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