बैकुंठ धाम

बिश्व के आध्यात्मिक जगत के इतिहास को निर्मित करने में अनेकों ऋषि-महर्षि , संत महात्माओं एवं महापुरुषों का योगदान रहा है |  अनादी काल से आध्यात्मिक एवं धार्मिक एकता की पवित्र भूमि भारत बर्ष के महापुरुषों , ऋषि मुनियों ने समय समय पर भारत की इस आध्यत्मिक धरोहर को जीवित बनाये रखा है | वैसे ही देवभूमि उत्तराखंड के लालकुआँ में स्थित श्री हंस प्रेमयोग आश्रम बिन्दुखत्ता एक आलौकिक एवं आध्यात्मिक स्थान है | जो की साक्षात् बैकुंठ धाम है |


पूज्यनीय महात्मा श्री परमानन्द जी महाराज

भारत एक आध्यात्मिक देश है और भारत की महानता अलग ही रही है ,  तत्य्थ : साम्प्रदायिकता का दर्शन , भारत का दर्शन कभी नहीं रहा है | यहाँ सभी धर्म  संप्रदाय  एवं भिन्न भिन्न संस्कृतियाँ फलीं फूलीं और जब उनमे संघर्ष की स्तिथि पैदा हुई तो भगवान गुरु गोरख नाथ , भगवान बुद्ध ,महावीर स्वामी ,भगवान श्री पाद शंकराचार्य,मीराबाई ,स्वामी दयानंद , स्वामी रामतीर्थ ,स्वामी विवेकानंद ,परम हंस अद्वेतानंद , परम तपस्वी परम हंस स्वरूपानंद ,परम संत श्री हंस जी महाराज एवं माता राजराजेश्वरी देवी,आदि आदि अनेकों महापुरुषों  ने भारत की आध्यात्मिक गौरव घता को अमर बनाये रखा है. महात्मा जी संपूर्ण समाज को आध्यात्म एवं ज्ञान का मार्ग बताते आये है, श्री महात्मा जी  मानव जाती के कल्याण हेतु महत्वपूर्ण योगदान देते आये है , श्री महात्मा जी आध्यात्म एवं ज्ञान  के साथ साथ प्रेम और दया के सागर है ..........................................